संसार मे सबसे दुःखी व्यक्ति नशा करने वाला है जो अपने पूर्व परिचित जीवन के रूप का आनंद लेने के लिए उत्सुक तो बहुत होता है लेकिन शराब का नशा किये बिना उसकी तस्वीर साफ नही देख पाता है उसके अंतर्मन की गहराई में यह उन्माद छाया होता है कि किसी चमत्कार के वशीभूत वह ऐसा अवश्य कर पाएगा ।
फिर एक दिन वह यह मान लेगा की नशा ही जीवन है और उसके बिना जीवन असम्भव है तब वह औरो की तरह अकेलेपन को पहचानेगा| चलते चलते स्वयं की हत्या के कगार पर पहुँचेगा | वह जीवन का अंत चाहने लगेगा, “”संचित नशा मुक्ति केंद्र”” ऐसे नशे की समस्या का समाधान करता है| अगर आप भी नशे की समस्या से जूझ रहे है तो एक बार “संचित नशा मुक्ति” केंद्र में सम्पर्क करें |.