Addict जीवन की आंतरिक अस्तव्यस्ता

Addict किसी को सॉरी/थैंक्यू बोलनें में संकोच करता है । अपनें मन की बात कहना हो तो सोचता ही रह जाता है मगर कह नहीं पाता । अगर कहीं उसे संयम से काम लेना हो तो वहाँ बबाल मचा देता है अर्थात जहाँ कम प्रतिक्रिया देनी हो वहाँ अधिक प्रतिक्रिया देता है, तथा जहाँ अधिक प्रतिक्रिया देनी हो वहाँ कम देता है । किसी से मिलनें जाना हो/वहाँ कुछ बात करनें जाना हो काफी समय/दिनों तक सोचता रहता है यदि जाऊँगा तो मैं क्या कहूँगा फिर वो क्या जवाब देंगें तो फिर मैं ऐसा बोलूँगा तो शायद वो वैसा बोलेंगें फिर मैं ऐसा बोलूँगा तो शायद वो कुछ ऐसा वैसा बोल देंगें, मगर यदि उन्होंनें ऐसा बोला तो अक्ल ठिकानें लगा दूँगा/ऐसा कर डालूंगा, यानि अभी गये नहीं मिले नहीं बात भी नहीं की और परिणाम भी पहले ही सोच डाला । ऐसा addictके I.Q.Leble (intelligence quotient) 1.8℅ होनें से होता है क्योंकि सामान्य व्यक्ति का I.Q. 1.1℅ से ज्यादा नहीं होता है । ये addiction के कारण ऐसी सोच विचारधारा हो जाती है एक addict की ।

हमारा जीवन इसलिए भी अस्तव्यस्त हो जाता है क्योंकि हम सोचते हैं कि सारी दुनिया का ज्ञान (Knowledge) हमें प्राप्त है इस कारण हम किसी की पूरी बात भी सुननें को राजी नहीं होते तो मानेंगें क्या, सामनें वाला यदि हमसे 4 लाईन बोलना चाहे तो उसके एक लाईन बोलेते ही आगे की चार लाईन हम बोल देते हैं कि पहले से पता है ये Closed mind के लक्षण हैं । N.a में/जीवन में Open mindness बहुत जरूरी है लोगों की राय/विचारधारा का सम्मान करना, यह समझ कर कि उनकी अपनी भी प्रवृत्तियाँ हैं उनके व्यवहार को ठीक ढँग से सहन करना उसका आदर करना । हमारी मर्जी के अनुसार काम न हो तो हम टूट जाते हैं खफा हो जाते हैं/नाराज हो जाते हैं/गुस्सा हो जाते हैं (विशेष रूप से घर में) ।
सामनें खड़ा कोई देख रहा हो तो हमें लगता है कि वो हमें ही देख रहा है, पता नहीं मेरे बारे में क्या सोच रहा होगा, जब हम दूसरों को दूर से बोलते देखते हैं तो हमें लगता है कि वो हमारे बारे मेंं ही बात कर रहा है । इस कारण हम दूसरों से जुड़ नहीं पाते ।

हम जीवन को जीवन की शर्तों के अनुरूप नहीं जी पाते । हम समाज के बनाऐ सिद्धाँतों/नियमों/प्रतिमानों का पालन नहीं करते जैसे “”रेड लाईट सिग्नल”” पर न रूकना, “”टिकिट की लाईन में न लगना”” जुगाड़ से हर काम करना/कराना, और तर्क हमारा कि बेवकूफ समझा है क्या ।

Addict दुनिया का सबसे बड़ा घमण्डी/अहँकारी/गर्वीला इंसान होता है कहते हैं एक addict के मर जानें के बाद भी उसका अहँकार ये देखनें आता है कि कौन-कौन आया, और कौन-2 नहीं आया । वो nasha के लिए भी किसी का मोहताज नहीं है, और nashe से दूरी बनाऐ रखनें के लिए भी किसी का मोहताज नहीं है । बस सोचता और बोलता ही रह जाता है कि जब चाहूँ एक मिनट में nasha छोड़ दूँ मगर छोड़ नहीं पाता क्योंकि घमंड उसको रोकता है मदद माँगनें से, मैं भला किसी की मदद कैसे ले सकता हूँ, मैं तो हर काम खुद से करना जानता हूँ यही सोच addict को ले डूबती है । कहीं उसके अवगुण सामनें वाले के समक्ष प्रकट न हो जाऐं इसलिए वो सदाचारिता का दिखावा करता है addict में कुछ दिखावे के गुण भी होते हैं जैसे- बड़प्पन/दयालुता/कृपालुता विनम्रता/दूसरों का ध्यान रखनें वाला/स्वयं को न्यौछावर करनें वाला/विचारशील/ जबकि N.a का प्रोग्राम मदद माँगनें का प्रोग्राम है । N.a कहता है कि जो काम तुम खुद से नहीं कर सकते वो तुमसे बड़ी शक्ति से होगा । जिसके लिए मीटिंग आना बहुत जरूरी है ।

Chaos in life of an Addict – Addict जीवन की आंतरिक अस्तव्यस्ता
Call Now : 8840591853 Call Now : 8840591853