मादक दवाओं के गुण एवं प्रभाव
मादक दवाओं को 5 भागों में बांटा गया है- Tranquilizers, Anti psychotics, Antidepressants और Psychostimulants इनके अधिक सेवन से मस्तिष्क विकृत हो जाता है। इनको अधिक मात्रा में लेने से व्यक्ति इनका आदि हो जाता है जिससे उसे शारीरिक, मानसिक एवं आर्थिक हानि उठानी पड़ती है।मादक दवाओं के गुण एवं प्रभाव
- कोकीन :- यह ट्रोपेन एलकालाइड है इसको सूंघ कर एवं धूम्रपान कर नशा किया जाता है। यह मानसिक स्थिति को विभ्रम करता है। यह ह्रदय की गति को तेज कर उच्च रक्तचाप बढ़ाता है। इसमें नशा लेने वाले को आनंद की अनभूति होती है। एक ग्राम के आठवें हिस्से की कीमत चार हजार रुपए है।
- मेथामेप्टामाइन :- यह साइकोस्टूमेलेन्ट है, इसे मैथ या आइस भी कहते हैं। इसको धूम्रपान से या इंजेक्ट कर लिया जाता है। इसको लेने से शरीर में उत्तेजना उत्पन्न होती है एवं आनंद का अनुभव होता है। इसको लेने से अवसाद, उच्च रक्तचाप एवं नपुंसकता होती है।
- क्रेक कोकीन :- इससे पूरा स्नायु तंत्र प्रभावित होता है एवं हृदय को नुकसान पहुंचता है। हृदय गति बढ़ जाती है। धमनियां सुकड़ जाती है। इसके नशे का आदि अपराधी प्रवृत्ति की ओर अग्रसर होता है। इसको लेने से अवसाद, अकेलापन एवं असुरक्षा की भावना उत्पन्न होती है। क्रेक कोकीन के नशे का आदि व्यक्ति को गलतफहमी होती है की वह बहुत ताकतवर है।
- एलएसडी (LSD ):– यह लाइसर्जिक अम्ल से बनती है जो अरगट (ERGOT) में पाया जाता है। यह गोलियों के रूप में मिलती है। इसका नशा लेने से व्यक्ति का मस्तिष्क अत्यंत क्रियाशील हो जाता है। करीब 30 से 90 मिनिट बाद इसका प्रभाव शुरू होता है। इस मादक द्रव्य को लेने से व्यक्ति के भाव तेजी से बदलने लगते है। अधिक मात्रा में लेने से व्यक्ति के समक्ष काल्पनिक विभ्रम पैदा होते हैं, जिससे उसे आनंद की अनुभूति होती है। इसको लेना वाला नशेड़ी अवसाद ग्रस्त, वस्तुओं के आकार एवं रंग में भ्रमित एवं मधुमेह व उच्च रक्तचाप का रोगी हो सकता है। एक बार के नशे में करीब 10 से 12 घंटे तक असर रहता है।
- हेरोइन:- यह डायएसिटिल ईस्टर (Diacetyle Ester) है एवं मॉर्फिन से बनता है। यह नशा शीघ्र प्रभाव देने वाला होता है। यह नशा व्यक्ति के श्वसन तंत्र पर प्रभाव डालता है। इस नशे को लेने वाले को निमोनिया होने की तीव्र सम्भावना होती है। इसके प्रभाव से धमनियों में थक्का जमने लगता है एवं फेफड़े, लिवर व किड़नी खराब हो सकते हैं। इसको नशे के आदि ग्लास टूब से धुंए के रूप में लेते हैं।
- मारिजुआना:- टेट्रा हाइड्रो कैनाबिनोलिक एसिड (THCA) है जो कि केनिबस पौधे से प्राप्त किया जाता है। यह एक खतरनाक नशा है एवं प्रतिवर्ष करीब एक करोड़ लोग इसकी चपेट में आ रहे हैं। इसको धूम्रपान के रूप में लिया जाता है, इसे हशीश भी कहते हैं। इस नशे को लेने वाले व्यक्ति की आंखे लाल रहती हैं, नींद बहुत आती है, वह अकेला रहने लगता है, सहयोग की भावना खत्म हो जाती है। यह नाश भ्रम उत्पन्न करता है, जिससे व्यक्ति निर्णय नहीं ले पाता है एवं अनावश्यक बातें करता है। समय को सही नहीं पढ़ पाता है।
- एक्टेसी (Ecstasy):- इसे MDMA भी कहते हैं। यह 3,4-Methylenedioxy-N-Methylamphetamine) है। यह उत्तेजना पैदा करने वाली दवा है। इससे शरीर का तापमान इतना बढ़ जाता है कि शरीर के अंग जैसे किड़नी, हृदय काम करना बंद कर सकते हैं। इसके प्रभाव से व्यक्ति हर उस वास्तु को छूने की कोशिश करता है जो उसे आनंद प्रदान करें। उसके प्रभाव से मांसपेशियों में खिंचाव, उत्तेजना एवं भ्रम पैदा होता है।
मादक दवाओं के गुण एवं प्रभाव – Effects of Substance abuse