Measures to stop addiction on National Level – राष्ट्रीय स्तर पर नशा रोकने के उपाय
नशे से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पारिवारिक एवं सामाजिक सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है। सिर्फ सरकार या नशामुक्ति संस्थाएं इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं। नशा रोकने में सबसे बड़ी समस्या है कि हम सिर्फ जागरूकता पर जोर देते है, उसकी रोकथाम के प्रयास कम करते हैं। जागरूकता सिर्फ बड़ों को नशे की लत से दूर करती है, जबकि रोकथाम बचपन में नशे की लत न लगे इसके लिए जरूरी है राष्ट्रीय स्तर पर चेतना। नशा को रोकने के लिए निम्न प्रयासों का क्रियान्वयन किया जाना चाहिए।
- सामाजिक स्तर पर नशा रोकथाम कार्यक्रम बनना चाहिए।
- नशा का व्यापक फैलाव समाज से संबंधित है अतः ऐसे समाजों को चिन्हित करके व्यापक जागरूकता अभियान चलना चाहिए।
- स्वस्थ, सफल एवं सुरक्षित छात्र कैसे बनें इस थीम पर सभी विद्यालयों में नशा मुक्ति अभियान को पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाना होगा।
- नशा रोकने के लिए कारगर रणनीति राष्ट्रीय स्तर पर क्रियान्वित होनी चाहिए।
- राष्ट्रीय युवा नशा मुक्ति आंदोलन महाविद्यालयीन स्तर पर पाठ्यक्रम में लागू होना चाहिए।
- बच्चे नशे से दूर रहे ऐसे क्षेत्रों पर नशा रोकथाम केंद्रित होना चाहिए। इसके लिए तीन स्थानों पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
(1) विद्यालय (2) कॉलेज (3) कार्यक्षेत्र - नशे की रोकथाम वाली संस्थाओं एवं कानून एवं न्याय की संस्थाओं में आपसी समन्वय व सूचनाओं का आदान-प्रदान होना चाहिए।
- नशे की हालत में गाड़ी चलने पर रोकथाम के लिए कड़े कानून का प्रावधान होना चाहिए।
- नशे से सुरक्षित सड़क (addiction free road) कार्यक्रम चलाना चाहिए।
- मादक दवाओं से जुड़े लोगों पर कठिन दंड का प्रावधान होना चाहिए।
- आवासीय उपचार कार्यक्रमों को बढ़ावा मिलना चाहिए।
- विद्यालय एवं परिवार में बच्चों एवं युवाओं के नशे के संकेत पहचानने वाले कार्यक्रमों का आयोजन एवं प्रशिक्षण होने चाहिए।
- नशा मुक्ति संस्कृति को बढ़ावा मिलना चाहिए।
- नशा मुक्ति के लिए निम्न राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय दिवस मनाए जाते हैं।
- 31 मई को अंतरराष्ट्रीय तम्बाकू निषेध दिवस।
- 26 जून को अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस।
- 2 से 8 अक्टूबर तक मद्यपान निषेध सप्ताह।
- 18 दिसंबर को मद्यनिषेध दिवस।
इन दिवसों पर राष्ट्रीय स्तर पर सामूहिक जागरूकता कार्यक्रमों में अधिक से अधिक नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित की जानी चाहिए। नशीले पदार्थों के सेवन विश्व स्तर पर आपात स्थिति निर्मित हो गई है। नशे के प्रभाव से न केवल एक जीवन वरना सम्पूर्ण परिवार का विनाश हो जाता है। शस्त्र एवं पेट्रोलियम उद्योग के बाद अवैध मादक द्रव्यों का धंधा विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उद्योग है। नशे के फैलाव से देशों का आर्थिक विकास पिछड़ रहा है एवं समाज में आपराधिक प्रवृत्तियां पनप रही हैं। नशे से लड़ने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर पारिवारिक एवं सामाजिक सामूहिक संकल्प की आवश्यकता है। सिर्फ सरकार या नशामुक्ति संस्थाएं इसके लिए पर्याप्त नहीं हैं।